क्रिकेट भले ही दुनिया का सबसे लोकप्रिय खेल न हो, लेकिन यह उन करोड़ो हिन्दुस्तानियों के दिलों और दिमाग में बस्ता है, जो इस खेल को जुनूनी रूप से पसंद करते हैं। ऐसा अक्सर सुनने को मिलता हैं कि भारत में क्रिकेट को एक धर्म का दर्जा दिया जाता है। और खिलाड़ियों को देवताओं की तरह पूजा जाता है क्योंकि वे मैदान पर अपने प्रदर्शन वे करोड़ो हिन्दुस्तानियों की मुस्कराहट की वहज बनते हैं। हालाँकि, एक खिलाड़ी हमेशा भीड़ से अलग शीर्ष पर रहा है – जो हैं सचिन तेंदुलकर, जिन्हें प्यार से भारत में क्रिकेट के भगवान की उपाधि से सम्मानित किया जाता है।
लगभग 24 वर्षों के लम्बे करियर के साथ, सचिन तेंदुलकर भारत में क्रिकेट का पर्याय बन गए हैं। यकीनन वह दुनिया के सबसे महान क्रिकेटर रहे हैं और उनकी क्रिकेट करियर में निरंतरता के लिए उनकी काफी सराहना की जाती थी। यह उचित ही था कि भारत में लोग उन्हें ‘क्रिकेट के भगवान' के रूप में संबोधित करते थे और आज भी करते हैं। हालाँकि, उनके संन्यास के बाद प्रशंसकों के मन में ये विचार जरूर हैं कि क्रिकेट के भगवान की उपाधि अब किसे दी जनि चाहिए? इस लेख में हम उन संभावित नामो पर चर्चा करेंगे जिन्हें वर्तमान में क्रिकेट की दुनिया का नया भगवान माना जा सकता है।
सचिन तेंदुलकर ने अपने पूरे क्रिकेट करियर के दौरान 35000 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय रन बनाए और 450 से अधिक एकदिवसीय और 200 टेस्ट मैच खेले। हालांकि खिलाड़ियों के लिए इस तरह के आँकड़े तक पहुंच पाना कुछ हद तक असंभव सा है, लेकिन कई क्रिकेटरों ने कुछ हद तक क्रिकेट में गहरा प्रभाव डाला हैं। ऐसे कई क्रिकेटर हैं जैसे एमएस धोनी, एबी डिविलियर्स, विराट कोहली जिन्हें क्रिकेट प्रशंसक क्रिकेट का नया भगवान कहते हैं और यह सूची लगातार लंबी होती जा रही है।
कौन है होंगे अगले क्रिकेट के भगवान ?
यदि हम सचिन तेंदुलकर के बाद किसी भी खिलाड़ी के रिकॉर्ड, खेल में प्रभाव और निरंतरता पर नज़र डालते हैं, तो विराट कोहली नए क्रिकेट के भगवान की उपाधि के सबसे प्रबल दावेदार नज़र आते हैं। विराट कोहली, जो खुद तेंदुलकर को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में मानते हैं, जिसे उन्होंने अपने वे बचपन से अपना प्रेरणा स्त्रोत माना करते थे। विराट अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने से पहले सचिन तेंदुलकर के कुछ रिकॉर्ड तोड़ सकते थे। एक बल्लेबाज के रूप में, विराट ने अपने करियर में कुछ शानदार रिकॉर्ड बनाये हैं। हालाँकि, कप्तान के रूप में आईसीसी ट्रॉफी जीतने में उनकी विफलता एक क्रिकेटर के रूप में उनकी एकमात्र अवांछित उपलब्धि है।
विराट कोहली अपने काल के बाकी खिलाड़ियों से आगे कैसे हैं?
विराट कोहली एक ऐसे खिलाड़ी हैं, जो अपने जबरदस्त करियर और मैच जिताने की क्षमताओं की वजह से सबसे आगे हैं, जिसने उन्हें प्रशंसकों का पसंदीदा बना दिया है। विराट कोहली ने 13 वर्षों में 70 अंतर्राष्ट्रीय शतक बनाए हैं और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आधुनिक समय के सबसे महान खिलाड़ियों में से हैं।
विराट कोहली की फिटनेस ने भी तीनों क्रिकेट प्रारूपों वनडे, टेस्ट और टी20 में उनकी सफलता में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। वे तीनों प्रारूपों में 50 से अधिक की औसत रखने वाले दुनिया के एकमात्र खिलाड़ी हैं। पूर्व भारतीय कप्तान कोहली वर्तमान में बल्लेबाजों की आईसीसी मेन्स वनडे रैंकिंग में छटवें स्थान पर हैं, और उनके नाम 12000 से अधिक रन हैं। अपने करियर में अब तक, विराट ने 60 के करीब औसत के साथ 43 एकदिवसीय शतक बनाए हैं। कोहली एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में सबसे अधिक शतकों के सचिन के रिकॉर्ड को तोड़ने से केवल 7 एकदिवसीय शतक ही दूर हैं।
टेस्ट क्रिकेट में भी, कोहली ने लगभग सभी परिस्थितियों में रन बनाकर अपनी क़ाबिलियत को साबित की है। कुछ समय पहले तक कोहली खराब दौर से गुजर रहे थे, लेकिन उनके आँकड़े बताते हैं कि उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में क्या हासिल किया है। कोहली ने अब तक 102 टेस्ट में लगभग 50 की औसत से 8074 टेस्ट रन बनाए हैं। उन्होंने 2016 के बाद से टेस्ट क्रिकेट में बतौर कप्तान सबसे ज्यादा दोहरा शतक (7) भी बनाए हैं।
टी20 में भी, कोहली ने दुनिया भर के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक के रूप में उभरते हुए इस प्रारूप में भी महारत हासिल की है। कोहली टी20 क्रिकेट में 50 से अधिक की औसत के साथ अग्रणी रन-स्कोरर हैं। उनके सारे रिकॉर्ड को देखते हुए, यह कहा जाना उचित ही हैं कि विराट यकीनन दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं।
सबसे महान वनडे बल्लेबाज कौन है, सचिन तेंदुलकर या विराट कोहली?
सचिन की लगातार लंबे समय तक रन बनाने की क्षमता एक ऐसा गुण था जो उन्हें बाकियों से आगे रखता है। हालाँकि, यदि केवल एकदिवसीय क्रिकेट की बात की जाए, तो कोहली का प्रदर्शन मास्टर ब्लास्टर के काफी करीब हुआ प्रतीत होता है। विशेष रूप से रनों का पीछा करने में विराट का रिकॉर्ड सचिन से और भी बेहतर है। रनों का पीछा करते हुए, उनके नाम 96 के औसत से 22 शतक है। दूसरी ओर, तेंदुलकर का बल्लेबाजी औसत 42 के करीब रहा है और लक्ष्य का पीछा करते हुए उन्होंने 17 शतक बनाए हैं। अगर आईसीसी टूर्नामेंट्स में दोनों खिलाड़ियों की तुलना की जाए तो मास्टर ब्लास्टर इस रेस में सचिन तेंदुलकर कहीं आगे निकल जाते हैं।
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विराट कोहली अपने करियर में कहां तक पहुंच सकते हैं?
यह सत्य है कि विराट कोहली एक भारतीय खिलाड़ी के रूप में पिछले समय एक ख़राब दौर से गुजर रहे थे। उनका आखिरी अंतरराष्ट्रीय टेस्ट शतक नवंबर 2019 में भारत के पहले पिंक बॉल टेस्ट में बांग्लादेश के खिलाफ आया था। तब से, पूर्व भारतीय कप्तान ‘मेन इन ब्लू' के लिए शतकीय आंकड़ा पार करने में विफल रहे थे।
परन्तु हाल ही में उन्होंने फिर जोरदार फॉर्म का प्रदशन किया है और लगातार रन बनाना शुरू कर दिया हैं। हालाँकि, वह अभी भी भारतीय टीम का एक अभिन्न हिस्सा है लेकिन हाल के दिनों में अपने स्वयं के मानकों पर खरा उतरने में विफल रहा थे। विराट अब वापस फॉर्म पकड़ लिया है और वर्तमान फॉर्म को ध्यान में रखते हुए, यह कहा जा सकता है कि कोहली तेंदुलकर के 49 एकदिवसीय शतकों के रिकॉर्ड को पार कर सकते हैं।
कोहली को “क्रिकेट के भगवान” की उपाधि मिल सकती है या नहीं यह अभी कहना थोड़ा मुश्किल हैं। पंरतु उनके क्रिकेट से सन्यास लेने में अभी भी कुछ साल बाकी हैं, और दौरान विराट के नाम का कुछ महान नामों के साथ उल्लेख किया सकता है जिन्होंने कभी भी इस खेल की शोभा बढ़ाई है।